Cash Transaction Rules : कैश ट्रांजैक्शन के नियम को जानें, नहीं तो मिल सकता हैं आयकर नोटिस

Cash Transaction Rules: आइये जानते हैं, आयकर अधिनियम की कैश लेनदेन सें जुड़ी धाराओं के बारें में इसके साथ ही बड़े कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction Rules) पर आयकर विभाग की नज़र कैसे रहती हैं इसके बारें में...

Cash Transaction Rules : कैश ट्रांजैक्शन के नियम को जानें, नहीं तो मिल सकता हैं आयकर नोटिस
Cash Transaction Rules : कैश ट्रांजैक्शन के नियम को जानें, नहीं तो मिल सकता हैं आयकर नोटिस

Cash Transaction Rules: भारत अक्सर कुछ लोग टैक्स के बचने के लिये नगद में लेनदेन करते हैं। नगद में लेनदेन सें उन्हें लगता हैं कि आयकर विभाग को ट्रांजैक्शन के बारें में पता नहीं चलेगा और वह आसानी सें टैक्स दाता की श्रेणी सें दूर रह सकेंगे। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हैं।

आयकर विभाग (Income tax department) की आपके बड़े कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction Rules) पर नज़र हमेशा रहती हैं इस पर आयकर विभाग आपकी  किसी भी गलत लेनदेन पर इनकम टैक्स नोटिस ( income tax notice) भेज सकता हैं। इसके लिये आयकर अधिनियम में कुछ धाराओं को भी जोड़ा गया हैं।

आइये जानते हैं, आयकर अधिनियम की कैश लेनदेन सें जुड़ी धाराओं के बारें में इसके साथ ही बड़े कैश ट्रांजैक्शन (Cash Transaction Rules) पर आयकर विभाग की नज़र कैसे रहती हैं इसके बारें में...

Cash Transaction Rules: आयकर अधिनियम की कैश लेनदेन सें जुड़ी धारा

  • आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी में आम व्यक्तियों के लिए नगद लेनदेन रोजाना ₹2 लाख तक सीमित (cash transaction limit per day) किया गया है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 40 ए (3) के तहत ₹10 हजार से ज्यादा का भुगतान नगद में करने की अनुमति नहीं है।
  • आयकर अधिनियम की धारा 43  में प्रॉपर्टी के अधिग्रहण के लिए ₹10 हजार से ज्यादा नगद भुगतान करने पर संपत्ति की वास्तविक लागत के निर्धारण के लिए खर्च को नजर अंदाज कर दिया जाएगा।
  • आयकर अधिनियम की धारा 269 एसएस कुछ अपवादों को छोड़कर किसी कर डाटा को ₹20 हजार रुपए से ज्यादा का नगद कर्ज/ जमा या नगद रकम लेने से रुकती हैं।

बड़े कैश ट्रांजैक्शन पर आयकर विभाग की नज़र कैसे रहती हैं 

  • एक वित्त वर्ष में सेविंग अकाउंट से ₹10 लाख चालू खातों में ₹50 लाख रुपए से ज्यादा कैश डिपॉजिट। 
  • एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपए से ज्यादा की कैश एफडी। 
  • प्रॉपर्टी खरीदते वक्त 30 लाख रुपए से ज्यादा का कैश लेनदेन। 
  •  ₹1 लाख या इससे ज्यादा क्रेडिट कार्ड बिल का कैश पेमेंट। 
  •  शेयर मार्केट या म्युचुअल फंड आदि के खरीदने के लिए बडा नगद भुगतान। 

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