दालचीनी: दालचीनी सेवन के फायदे और नुकसान (Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi)

दालचीनी (Dalchini) को खाना स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभकारी (Dalchini Benefits)होता है लेकिन यदि इसे अधिक मात्रा खा लिया जाये तो फायदे के विपरीत दालचीनी का खाना कभी-कभी नुकसान दायक भी हो सकता है आइये जानते है, दालचीनी के खाने के फायदे और नुकसान (Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारें में...

दालचीनी: दालचीनी सेवन के फायदे और नुकसान (Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi)
Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi

दालचीनी (Cinnamon) एक प्रसिद्ध मसाला है जो कि एक सिनामोमम झेलॅनिकम (Cinnamomum Zeylanicum) पेड़ की सुखी छाल होता है यह मसाला को विभिन्न भोजनों और डिज़र्ट्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। दालचीनी को 'गरम मसाला' के हिस्से के रूप में रसोई कई वर्षों से उपयोग किया जाता रहा है।

दालचीनी में आवश्यक तेलों के कारण विशेष स्वाद और सुगंध होती है। यह बाजारों में सूखे और रोल्ड स्टिक के रूप में उपलब्ध है। इसकी पत्तियों को 'तेजपत्ता' के नाम से जाना जाता है।  'तेजपत्ता' को भी भोजन के स्वाद बढ़ाने के लिये कई वर्षों से उपयोग किया जा रहा है।

भारत में सिनामोमम झेलॅनिकम (Cinnamomum Zeylanicum) पेड़ मुख्यतः पश्चिमी/दक्षिणी क्षेत्र उगाया जाता है। लेकिन दालचीनी को भारत समेत विदेशों की रसोई में भी स्वाद लिये याद किया जाता है। 

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दालचीनी सेवन के फायदे एवं नुकसान (Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi)

दालचीनी (Dalchini) को खाना स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभकारी होता है लेकिन यदि इसे अधिक मात्रा खा लिया जाये तो फायदे के विपरीत दालचीनी का खाना कभी-कभी नुकसान दायक भी हो सकता है आइये जानते है, दालचीनी के खाने के फायदे और नुकसान (Dalchini Ke Fayde Aur Nuksan in Hindi) के बारें में...

दालचीनी सेवन के फायदे (Dalchini Ke Fayde in Hindi)

दालचीनी को आयुर्वेद में 'त्वक' नाम से एक आयुर्वेदिक दवा के रूप में वर्णित किया गया है जहां इसका उपयोग सूजन, फ्लू, अपच, और खांसी आदि जैसी विभिन्न बीमारियों के उपचार में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, त्वक का स्वाद तीखा , मीठा और गर्म प्रकृति का होता है। जो कि हल्का, खुरदुरा, भेदने वाला होता है इसे अक्सर कफवात वाले लोगों के लिए इसकी सिफारिश की जाती है- 

डायबिटीज कंट्रोल: दालचीनी में मौजूद किनोन शरीर में इंसुलिन के स्तर को संतुलित कर रक्त में शुगर का स्तर नहीं बढ़ता है जो कि डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद करता है। 

सर्दी-जुकाम: दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं,जिससे सर्दी-जुकाम होने पर इसके सेवन से राहत मिलती है 

हृदय स्वास्थ्य: दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स होने से यह हृदय स्वास्थ्य रखने में मदद करता हैं नियमित दालचीनी के सेवन से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। 

वजन को नियंत्रित करने में: दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट्स,एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल तत्व मौजूद होते है जो आधारीय चयापचयी दर (Basal Metabolic Rate) को तेज कर वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। 

मानसिक स्वास्थ्य: दालचीनी मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद करता हैं, इसके सेवन से मस्तिष्क की कार्यात्मकता और यादाश्त में सुधार आती है।

श्वासनल नली के सुधार में: दालचीनी में कुछ ऐसे रसायनों तत्व पाये जाते है जो आंतरिक श्वासनल कार्यों को सुधारने की क्षमता रखते है इसके सेवन से श्वासनल नली से जुड़ी समस्या का खतरा कम हो जाता है। 

रोग प्रतिरोधक क्षमता: दालचीनी में कई प्रकार एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो संक्रमण से लड़ कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ते है। 

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दालचीनी सेवन के नुकसान (Dalchini Ke Nuksan in Hindi)

दालचीनी का सेवन अनुशासित रूप किया जाना आवश्यक है यदि इसका सेवन की मात्रा अधिक होती है तो इससे शरीर में बहुत से नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। 

लीवर में सूजन: दालचीनी को आवश्यकता से अधिक सेवन करने से लीवर में सूजन होने का खतरा रहता है। 

अलर्जी: कुछ लोगों को दालचीनी के सेवन से अलर्जी या त्वचा में जलन की समस्या होती है। 

मानसिक स्वस्थ्य: दालचीनी मानसिक स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद होती है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन से मानसिक विकार होने की संभावना होती है। 

रक्त थक्का बनाने का खतरा: अत्यधिक मात्रा में नियमित दालचीनी सेवन करने से रक्त का थक्का बनाने के खतरा अधिक हो जाता है। 

ब्लड प्रेशर वृद्धि:  दालचीनी के अत्यधिक सेवन से ब्लड प्रेशर वृद्धि होने का खतरा होता है। 

गर्भपात का खतरा: दालचीनी के सेवन से शरीर मे गर्मी बढ़ती है यदि गर्भवती महिला दालचीनी का अधिक सेवन करे तो गर्भपात होने का खतरा होता है।

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