जबलपुर में हुआ "एक चौपाल प्राकृतिक खेती के नाम" का आयोजन
खेतों में रसायन का अधिक इस्तेमाल कर हम पैदावार तो बढ़ा लेते हैं लेकिन इससे कई बीमारियों का भी खतरा बना रहता है, अब समय आ गया है कि रासायनिक खेती को कम कर प्राकृतिक खेती को अपनाया जाए।

खेतों में रसायन का अधिक इस्तेमाल कर हम पैदावार तो बढ़ा लेते हैं लेकिन इससे कई बीमारियों का भी खतरा बना रहता है, अब समय आ गया है कि रासायनिक खेती को कम कर प्राकृतिक खेती को अपनाया जाए। जबलपुर में हुए एक चौपाल प्राकृतिक खेती के नाम आयोजन में पहुंचे अतिथियों ने प्राकृतिक खेती को समय की जरूरत करार दिया। जबलपुर के मानस भवन में यह आयोजन प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह द्वारा कराया गया था।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए जबलपुर में एक चौपाल प्राकृतिक खेती के नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना और कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह शामिल हुए।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती के गिनाये फायदे
इस कार्यक्रम के जरिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में प्राकृतिक खेती के फायदे को गिनाया। राज्यपाल ने कहा कि रासायनिक खेती से हम केवल आने वाली पीढियां को बीमारियां दे रहे हैं और खेतों को बंजर कर रहे हैं। जैविक खेती में किसान को फायदा नहीं होता है ना ही उतनी पैदावार होती है लेकिन प्राकृतिक खेती से न केवल किसान की लागत कम होती है बल्कि पैदावार भी भरपूर होती है और खेतों को नुकसान भी नहीं होता. प्राकृतिक खेती एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए किसान प्रकृति के जरिए ही तमाम पोषक तत्वों को लेकर अपनी फसल की पैदावार बढ़ा सकता है। बस इसके लिए किसान को जागरूक करने की जरूरत है।
अपने संबोधन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि खेती के लिए इस्तेमाल होने वाले तमाम पोषक तत्व हमें प्रकृति से ही मिल जाते हैं बस उसका उपयोग करना आना चाहिए राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपनी खुद की खेती के तरीको के उदाहरण बताते हुए किसानों को बारीकी से प्राकृतिक खेती के फायदे बताए
एमपी सरकार में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा के लिए करेगी प्रयास
वही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने राज्यपाल के संबोधन को अद्भुत बताया मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को जागरूक करने के लिए इससे बेहतर संबोधन नहीं हो सकता है रासायनिक खेती के नुकसान तो हम सभी जानते हैं लेकिन प्राकृतिक खेती को कैसे अपनाना है यह आज हमने राज्यपालजी से सीखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज ऐलान करता हूं कि मध्य प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी मंच से ही मुख्यमंत्री ने कृषि मंत्री को निर्देश दिए हैं कि कृषि मंत्री प्राकृतिक खेती के लिए प्लान तैयार करें जिस वे जल्द ही मान्यता देंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में मंडियों में भी दो प्रकार की खरीदी व्यवस्था की जाएगी ताकि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को भी ज्यादा फायदा मिल सके
कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि रासायनिक खेती से भारी नुकसान
एक चौपाल प्राकृतिक खेती के नाम कार्यक्रम का आयोजन करने वाले कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि रासायनिक खेती से भारी नुकसान हो रहा है इसलिए किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आगे आना चाहिए। प्राकृतिक खेती ठीक एक जंगल की तरह ही है जिस तरह जंगल में पेड़ पौधों को न तो यूरिया की जरूरत होती है न ही डीएपी की और ना ही किसी तरह की दूसरी रासायनिक दवाइयों की। जंगल में अपने आप पेड़ पौधे खुद अपनी पैदावार करते हैं कुछ इसी तरह की प्राकृतिक खेती को किसानों को अपनाना चाहिए.