एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर करने वाले विजय रमन का निधन,  कैंसर से थे पीड़ित

एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर करने वाले तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी विजय रमन का शुक्रवार को पुणे के एक अस्पताल में 72 साल की उम्र में  निधन हो गया वे कैंसर से पीड़ित चल रहे थे।

एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर करने वाले विजय रमन का निधन,  कैंसर से थे पीड़ित

एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर का एनकाउंटर करने वाले तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी विजय रमन का शुक्रवार को पुणे के एक अस्पताल में 72 साल की उम्र में  निधन हो गया वे कैंसर से पीड़ित चल रहे थे। उनकी पत्नी वीना ने बताया कि विजय रमन को  कैंसर होने की पुष्टि फरवरी के माह में हुई थी जब से ही उनका इलाज जारी था। 

1981 में किया था पान सिंह तोमर का एनकाउंटर

मध्य प्रदेश कैडर के 1975 बैच के आईपीएस अधिकारी विजय रमन 1981 में भिंड जिले के पुलिस अधीक्षक बने हुए थे। विजय रमन एक तेज तर्रार अधिकारी के रूप में जाने जाते थे उन्होंने चंबल के बीहड़ों में  1 अक्टूबर 1981 को एक पुलिस अभियान में एथलीट से डकैत बने पान सिंह तोमर को मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके साथ यह भी बताया जाता है कि जब फूलन देवी ने 13 फरवरी 1983 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने आत्मसमर्पण किया था तब उन्होंने विजय रमन की जगह किसी और को भिंड का एसपी बनाने की मांग की हुई थी।

संसद हमले के मास्टरमाइंड गाजी बाबा का किया था एनकाउंटर

विजय रमन कई आतंक-रोधी और नक्सलरोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस, सीआरपीएफ, बीएसएफ और रेलवे पुलिस के साथ भी काम किया था। इसके अलावा जब उनकी पोस्टिंग साल 2003 में श्रीनगर में सीमा सुरक्षा बल के आइजी के रूप में हुई थी तब उन्होंने करीब  10 घंटे आतंकी चुनौतीपूर्ण मुठभेड़ का नेतृत्व किया जिसमें उन्होंने  13 दिसंबर 2001 को हुए संसद हमले का मास्टरमाइंड और खतरनाक आतंकवाद गाजी बाबा को भी मार गिराया गया था।

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