Bhopal Mela: भोपाल हाट में वन मेला 2024 में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, औषधियों के प्रमाणीकरण के प्रयास किए जाने चाहिए

Bhopal Mela: भोपाल में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भोपाल हाट (Bhopal Mela) में वन मेला 2024 के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान वृक्ष के महत्व जो बताते हुए कहा कि औषधियों के प्रमाणीकरण के प्रयास किए जाने चाहिए

Bhopal Mela: भोपाल हाट में वन मेला 2024 में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, औषधियों के प्रमाणीकरण के प्रयास किए जाने चाहिए
Bhopal Mela भोपाल हाट में वन मेला 2024 में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा, औषधियों के प्रमाणीकरण के प्रयास किए जाने चाहिए

Bhopal Mela: भोपाल में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने भोपाल हाट (Bhopal Mela) में वन मेला 2024 के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान वृक्ष के महत्व जो बताते हुए कहा कि पर्यावरण के संतुलन और समृद्धि के लिये अधिक से अधिक पेड़ पौधे को लगाना चाहिए, वृक्ष होंगे तो हमारा पर्यावरण स्वस्थ और वनोपज से समृद्धि आएगी।

इसके अलावा उन्होंने वन उत्पाद एवं  औषधियों के गुणों के व्यापक स्तर पर प्रसार की आवश्यकता बताते हुए अधिकारियों से कहा कि पारंपरिक रूप से सदियों से उपचार के लिये उपयोग लाई जाने वाली जड़ी-बूटियों, औषधियों का वैज्ञानिक स्वरूप में प्रमाणीकरण के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने  कार्यक्रम में वन विभाग एवं आयुर्वेद विशेषज्ञों से भी रोग के उपचार में लाई जाने वाली आयुर्वेदिक औषधियों के अनुसंधान के कार्य  करने की बात कही। 

35 लाख लोग वनोपज संग्रहण कार्य से जुड़े

वही भोपाल हाट (Bhopal Mela) में वन मेला 2024 के शुभारंभ कार्यक्रम में मौजूद वन, पर्यावरण एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के 35 लाख से अधिक लोग वनोपज संग्रहण कार्य से जुड़े हुए हैं। सरकार उनके कल्याण एवं विकास के लिए हर संभव प्रभावी प्रयास कर रही है। 

सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण की दर तीन हजार रुपये प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रुपये ति मानक बोरा कर दी है। अभी तक प्रदेश में 126 वन शोध केंद्र स्थापित किए गए हैं। वही एकलव्य शिक्षा विकास योजना के द्वारा निरंतर उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

सरकार का वोकल फार लोकल दिशा कार्य 

वही इस मौके में वन पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि प्रधानमंत्री के नेत्रत्व में वोकल फार लोकल (Vocal for Local) की दिशा में राज्य सरकार के द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। वन मेले का आयोजन का मुख्य उद्देश वनोपज संग्राहकों को सीधे लाभांवित करने का प्रयास है।

 वही वन मेला 2024 का स्वागत उद्बोधन अपर मुख्य सचिव वन, जेएन कांसोटिया ने दिया। आभार प्रदर्शन प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ, विभाष ठाकुर ने किया। इस अवसर पर मुख्यवन संरक्षक, वन बल प्रमुख अभय पाटिल, वनोपज संग्राहक और बड़ी संख्या में आम नागरिक उपस्थित रहें । 

मेले में लगेंगे वन उपज से संबंधित स्टाल

भोपाल हाट (Bhopal Mela) में वन मेला 2024  में विक्रय के लिए 120 स्टाल स्थापित किए गए हैं, जिसमें मध्यप्रदेश के 19 वनधन केंद्र एवं 55 जिला यूनियन के स्टाल मुख्य रूप से रहेंगे। जबकि वही फूड जोन में मध्य प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों के साथ श्रीअन्न से निर्मित विभिन्न व्यंजनों के भी स्टाल लगाए गए। इसके साथ ही भोपाल हाट में वन मेला 2024  में 20 ओपीडी के स्टालों को स्थापित किया गया है, जिसमें 40 आयुर्वेदिक वैद्यों एवं चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श प्रदान कि गई, वही मेले में नाड़ी कि जानकारी बताई गई। 

इसके अलावा 25 जनवरी को होने वाले "लघुवनोपज से समृद्धि" के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का भी वन मेला में आयोजन किया जाएगा, जिस पर विभिन्न विषयों के प्रमुखों द्वारा आदिवासी संग्रहकर्ताओं और समिति प्रबंधकों को लघु वनोपज से बनाए गए उत्पादों के मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण, ब्रांडिंग एवं विपणन द्वारा जनजातीय उद्यमीकरण की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाएगी।

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